अटल टिंकरिंग लैब
‘भारत में दस लाख बच्चों को नियोटेरिक इनोवेटर्स के रूप में तैयार करने’ की दृष्टि से, अटल इनोवेशन मिशन पूरे भारत में केंद्रीय विद्यालयों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएँ (एटीएल) स्थापित कर रहा है।
इस योजना का उद्देश्य युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देना है; और डिजाइन मानसिकता, कम्प्यूटेशनल सोच, अनुकूली शिक्षा, भौतिक कंप्यूटिंग आदि जैसे कौशल विकसित करना।
एटीएल एक कार्यक्षेत्र है जहां युवा दिमाग अपने विचारों को स्वयं करें मोड के माध्यम से आकार दे सकते हैं; और नवाचार कौशल सीखें। एटीएल में विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ओपन-सोर्स माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड, सेंसर, 3डी प्रिंटर और कंप्यूटर से संबंधित शैक्षिक और शिक्षण ‘इसे स्वयं करें’ किट और उपकरण शामिल हैं।
अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना शैक्षणिक वर्ष 2017-18 के दौरान केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, सीपीसीआरआई में की गई थी, इसकी स्थापना और रखरखाव के लिए 16 लाख का अनुदान दिया गया था। एटीएल के भीतर सत्रों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाती है और उन्हें संरचित तरीके से संचालित किया जाता है, जो अक्सर शनिवार को निर्धारित होते हैं। कक्षा 7 से 11 तक, कुल तीस छात्रों को टिंकरिंग के प्रति उनके उत्साह के आधार पर चुना गया। इन एटीएल छात्रों ने विज्ञान प्रदर्शनियों, एटीएल मैराथन और नवाचार प्रतियोगिताओं जैसे विविध आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लिया है और इस दौरान कई प्रशंसाएं अर्जित की हैं।